कुल्लू रियासत(Kullu State):
- KULLU को पोराणिक ग्रन्थो में कई नामों से जाना जाता था जैसे “कुल्लूत देश”, “कुल्लूत” और “कुलांतपीठ” के नाम से जाना जाता था।
- कुल्लू घाटी को “रहने योग्य संसार का अंत”कहा गया है ।
- Kullu riyast की स्थापना “विहंगमणिपाल” ने की थी। “विहंगमणिपाल” हरिद्वार के निवासी थे।
- उस समय हरिद्वार को “मायापुरी” के नाम से जाना जाता था।
- भगवती हिडिम्बादेवी के आशीर्वाद से “विहंगमणिपाल” कुल्लू रियासत की पहली राजधानी जगतसुख(नास्ता) स्थापित की।
- “विहंगमणिपाल” का बेटा “पच्छपाल” ने “गज़न” और “बेबला” के राजा को हराया।
- Kullu रियासत की कुलदेवी का नाम “हिडिम्बा” था। जिन्होंने “भीम” से विवाह किया था। “घटोत्कच” भीम और हिडिम्बा का पुत्र था। ·
- चीनी यात्री “हेन्सांग” ने पहली बार 635 ई. में कुल्लू रियासत की यात्रा की थी।·
- कुछ समय बाद विसुदपाल ने “नग्गर” के राजा कर्मचन्द को युद्ध में हराकर कुल्लू की राजधानी जगतसुख से नग्गर स्थानंतरित(Migrated) की।
- जब भगवान “बुद्ध” ने कुल्लू का भ्रमण मतलब कुल्लू की यात्रा की थी तो उनकी याद में “अशोक” ने कुल्लू में बोद्ध स्तूप बनवाए थे।
- “द्तेश्वर पाल” पालवंश का 31वां राजा था।
- द्तेश्वर पाल के समय चम्बा के राजा “मरुवर्मन(680-700 ई.)” ने कुल्लू पर आक्रमण कर के द्तेश्वर पाल को हराया और वह इस युद्ध में मारा गया।
- पाल वंश के 72 वें राजा “उर्दानपाल” ने जगतसुख में “संघ्या देवी” का मंदिर बनवाया। ·
- केलाश पाल (1428-1450 ई.) कुल्लू का अंतिम राजा थे।
- जिसके साथ अंतिम बार “पाल” का प्रयोग किया गया अर्थात केलाश पाल “पालवंश” का अंतिम राजा था।
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||KULLU DISTRICT QUIZ PART-1||
||KULLU DISTRICT QUIZ PART-2||
बदानी वंश:
- 1500 ई. में “सिद्ध सिंह” ने “बदानी वंश” की स्थापना की थी। उन्होंने “जगत सुख” को अपनी राजधानी बनाया।
- जगत सिंह(1637-1672) कुल्लू रियासत का सबसे शक्तिशाली राजा था। राजा जगत सिंह के समय से ही कुल्लू के “ढालपुर मैदान” पर कुल्लू का दशहरा मनाया जाता है।
- जगत सिंह ने 1653 ई. में Kullu में “रघुनाथ” जी की मूर्ति की स्थापना की, और जगत सिंह 1660 ई. में रघुनाथ जी का महल और मंदिर का निर्माण करवाया था।
- राजा अजीत सिंह (1861-1841 ई.) के समय 1820 ई. में “विलियम मूरक्राफ्ट” ने कुल्लू की यात्रा की थी। ये पहले यूरोपीय यात्री थे जिन्होंने कुल्लू की यात्रा की थी।
- Kullu riyast 1840 ई. से 1846 ई. तक सिखों के अधीन रहा।
NOTE:
- 9 मार्च, 1846 ई. को कुल्लू रियासत अंग्रेजों के अधीन आ गया।
- कुल्लू को 1846 ई. में काँगड़ा का उपमंडल (sub-division) बनाकर शामिल किया गया।
- 1863 ई. में वायसराय(Viceroy) “लार्ड एलिगन” कुल्लू आने वाले पहले वायसराय थे। ·
- लाहोल स्पीती को 9 मार्च,1846 ई. को कुल्लू के साथ मिलाया गया। कुल्लू उपमंडल से अलग होकर लाहोल स्पीती जिले का गठन 30 जून, 1960 ई. को हुआ।
- कुल्लू जिले को 1963 ई. में काँगड़ा से अलग कर के पंजाब का जिला बनाया गया।
- कुल्लू जिले को 1 नवम्बर,1966 ई. को पंजाब से अलग कर के हिमाचल का जिला बनाया गया।
- कुल्लू जिले के पहले उपायुक्त (Deputy commissioner) गुरचरण सिंह थे।